मोती ( White Pearl) / पर्ल (Pearl) एक अत्यंत शुभ रत्न माना जाता है, जिसे विशेष रूप से चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता है। यह मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। नीचे मोती पहनने के संपूर्ण लाभ, नियम और विधि हिन्दी में दिए गए हैं |
🌕 मोती पहनने के फायदे
मानसिक शांति और स्थिरता
चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है। मोती पहनने से तनाव, चिंता, और अवसाद से राहत मिलती है।
यह क्रोध, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्याओं को भी कम करता है।
भावनात्मक संतुलन
भावनात्मक रूप से अस्थिर लोग, अत्यधिक संवेदनशील या डिप्रेशन से पीड़ित लोग मोती पहन सकते हैं।
सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि
चेहरे पर चमक लाता है और सौंदर्य में वृद्धि करता है।
आकर्षण और व्यक्तित्व को निखारता है।
वैवाहिक जीवन में सुख
वैवाहिक संबंधों में शांति और सामंजस्य लाता है।
पारिवारिक जीवन को सुखमय बनाता है।
विद्यार्थियों और रचनात्मक व्यक्तियों के लिए उपयोगी
एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
कला, संगीत, लेखन आदि से जुड़े लोगों को विशेष लाभ देता है।
शरीरिक लाभ
पेट, आंख और त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
🌿 किन लोगों को मोती पहनना चाहिए
जिनकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो, नीच राशि में हो या पीड़ित हो।
जिन्हें भावनात्मक अस्थिरता, चिंता, अवसाद, या अनिद्रा की समस्या हो।
कर्क, वृश्चिक, मीन, वृषभ और मिथुन राशि वालों को विशेष लाभ।
जिनके लग्न में चंद्र शुभ ग्रह हो (जैसे कर्क लग्न वालों के लिए चंद्र लग्नेश होता है)।
🔩 किस धातु में पहनना चाहिए
चांदी (Silver) में पहनना सबसे शुभ माना गया है।
वैकल्पिक रूप से श्वेत सोना (White Gold) या पंचधातु में भी धारण कर सकते हैं।
अंगुली: दाएं हाथ की छोटी उंगली (कनिष्ठा) में पहनना चाहिए।
🕉 मोती धारण करने की विधि
दिन: सोमवार (Monday)
समय: सुबह 4:30 से 7:30 के बीच (सूर्योदय के समय) या शुभ मुहूर्त में
रंग: सफेद धागे या चांदी की अंगूठी
📿 पूजा विधि
सोमवार को स्नान के बाद शांत मन से पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
एक साफ पात्र में गंगाजल, कच्चा दूध, शहद, घी और तुलसी डालकर अंगूठी को धोएं।
फिर उसे जल से शुद्ध करें और एक सफेद कपड़े पर रखें।
चंद्र मंत्र का 108 बार जाप करें:
मंत्र:
ॐ सों सोमाय नमः।
मंत्र जाप के बाद अंगूठी को पहन लें।
⚠️ सावधानियां
हमेशा शुद्ध, असली और ऊर्जित मोती ही पहनें।
रत्न की गुणवत्ता अच्छी हो — खरोंच रहित, चमकदार और सफेद।
दूसरों का पहना हुआ रत्न न पहनें।
पहनने के बाद कुछ दिन तक दूध, चावल, सफेद मिठाई का दान करें।
